SIDHARTH JAIN_2
3 years 2 months ago
मान्यवर
देश में सरकार द्धारा चलाए जा रहे केंद्रीय विद्यालयों के निजीकरण का वक्त आ चुका है ।ये सरकार से नही संभल पा रहे।इनमे वक्त से न तो ट्रांसफर होते है , न ही कोई सही ट्रांसफर पॉलिसी है । महिला अध्यापक जिसका पति भी सरकारी नौकर है 25 साल तक एक ही जगह नौकरी करती है और उसकी धार कुंद होने पर भी प्राचार्य कुछ नही कह सकता। ट्रांसफर केवल अकेले कमाने वाले आदमियों का ही किया जाता है। सरकारी पैसा सिर्फ स्पोर्ट्स मीट जिसमे आज तक कोई कपीलदेव पैदा नही हुआ में लगा देते है । मेरा सुझाव है की स्पोर्ट्स केवल विद्यालय स्तर पर ही हो और ये कोचेस की vaccancy बंद कर दी जाए क्योंकि पैसे और समय दोनो का नुकसान है। सबसे अच्छा नीता बहन अंबानी जी से बात कर लो और बेच दो । नवोदय सरकार ही चलाए।
Share