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सॉंग ऑफ द सॉयल-आईकेएस पारंपरिक गीत एवं काव्य प्रतियोगिता

भरत की समृद्ध संगीत परंपराओं में कई विधाएं शामिल हैं, जो इस भूमि की ...
भरत की समृद्ध संगीत परंपराओं में कई विधाएं शामिल हैं, जो इस भूमि की विशालता और विविधता को दर्शाती हैं। प्राचीन काल से ही, भारतवासियों ने अपनी जीवंत बोलियों और भाषाओं में विविध गीतों और तुकांत कविताओं की रचना की है। इन रचनाओं ने विभिन्न क्षेत्रों से जुटाए गए अद्भुत वाद्ययंत्रों के संगीत के साथ सुरबद्ध होकर अपने समुदाय के सदस्यों को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया है।
इसी को प्रोत्साहित करने के लिए, शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एआईसीटीई स्थित भारतीय ज्ञान परम्परा (आईकेएस) प्रभाग ने पारंपरिक गीत एवं काव्य प्रतियोगिता का ऐलान किया है, जिसका उद्देश्य आपको अपनी कला के जरिए दुनियाभर के श्रोताओं को अपनी ओर आकर्षित करने का अवसर प्रदान करना है।
नोट-यह प्रतियोगिता कक्षा 1 से 5 तक के स्कूली बच्चों के लिए सख्ती से है।
इन सरल चरणों का पालन करें:-
1) अपने पारंपरिक तुकबंदी या लोकधुन/गीतों का एक छोटा सा वीडियो (1-2 मिनट का) बनाएं। इस वीडियो को आप अपनी भाषा में और अपने दादा-दादी या परिवार के किसी बुजुर्ग सदस्य अथवा अपने माता-पिता के अलावा अपने पड़ोसी के साथ बनाएं।
2) वीडियो लिंक को भेजने के दौरान उसके अर्थ का एक संक्षिप्त विवरण भी साझा करें,(न्यूनतम 200 शब्द- अधिकतम 500 शब्द) ताकि देश-दुनिया के श्रोता उसमें निहित भाव का आनंद ले सकें।
आवश्यकताओं
1) वीडियो की लंबाई 1 से 2 मिनट के बीच ही होनी चाहिए, जिसमें आरंभ एवं अंत की आभार अभिव्यक्ति आदि सम्मिलित होेगें।
2) वीडियो टाइम-लैप्स/सामान्य मोड में मोनोक्रोम अथवा रंगीन हो सकता है।
3) वीडियो को क्षैतिज प्रारूप (हॉरिजॉन्टल फॉर्मेट) में 16:9 के अनुपात में तथा एचडी प्रारूप में शूट किया जाना है।
4) वीडियो एक स्व-परिचय के साथ शुरू होना चाहिए जिसमें आपका नाम, आयु, वर्ग एवं गीत / तुकबंदी का नाम सम्मिलित हो और आखिर में आपके सहयोगी एवं सहायकों का नाम शामिल हो।
जमा करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2022 है|
नियम एवं शर्तें देखने के लिये यहाँ क्लिक करें(PDF-122KB)