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कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय

बनाया गया : 19/01/2017
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मंत्रालय का संबंध मुख्य रूप से कंपनी अधिनियम 2013 के प्रशासन, कंपनी अधिनियम 1956, सीमित देयता साझेदारी अधिनियम, 2008 और अन्य सहबद्ध अधिनियमों और नियमों और विनियमों से है, जो मुख्य रूप से कानून के अनुसार कॉर्पोरेट सेक्टर के कामकाज को विनियमित करने के लिए बनाए गए हैं।

यह मंत्रालय प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के संचालन के लिए भी ज़िम्मेदार है, ताकि प्रतिस्पर्धा पर गलत प्रभाव डालने वाली प्रथाओं को रोका जा सके, बाजारों में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जा सके और उसे बनाए रखा जा सके, ताकि अधिनियम के तहत स्थापित आयोग के जरिए उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जा सके।

इसके अलावा, यह तीन पेशेवर निकायों, भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान यानी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया (ICAI), भारतीय कंपनी सचिव संस्थान यानी इंस्टीट्यूट ऑफ़ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ़ इंडिया (ICSI) और भारतीय लागत लेखाकार संस्थान यानी इंस्टीट्यूट ऑफ़ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया (ICAI) का पर्यवेक्षण करता है, जिनका गठन संसद के तीन अलग-अलग अधिनियमों के तहत संबंधित व्यवसायों के उचित और व्यवस्थित विकास के लिए किया गया है।

मंत्रालय की ज़िम्मेदारी साझेदारी अधिनियम, 1932, कंपनी (राष्ट्रीय निधियों में दान) अधिनियम, 1951 और सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1980 से संबंधित केंद्र सरकार के कार्यों को अंजाम देने की भी है।