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हमारे पारंपरिक ज्ञान और पद्धति के विषय में समाज में विश्वास पैदा करने के लिए अपने विचार साझा करें

आरंभ करने की तिथि :
Mar 03, 2022
अंतिम तिथि :
Aug 31, 2022
23:45 PM IST (GMT +5.30 Hrs)
भारत में जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी प्रथाओं/पद्धतियों और ज्ञान ...
Seerat kapoor
Class. 1st A
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भारतीय संस्कार और संस्कृति आदि अनादि काल से पूर्ण वैज्ञानिक व प्राकृतिक सिद्धांतो से परिपूर्ण रहे है।जिनका वर्णन वर्तमान मे विभिन्न स्वरूप मे देखने को मिलता है।और हमारी प्राचीन बौद्धिकता का एक छोटा परन्तु बेहद महत्वपूर्ण उदाहरण देखना हो तो सिर्फ हम अपनी थाली मे परोसे भोजन के तत्वो से अंदाज लगा सकते है जहा हम जो खाते है उसे पचाने का इंतजाम भी औषाधियो के रूप मे होता है जिसे आम भाषा मे हम मसाले कहते है।इन मसालो मे दर्दनाशक प्रतिरक्षात्मक हल्दी पिस्ता पित्तनाशक अजवाएन पाचक जीरा कलौजी वायुनाशक लहसुन जैसे हजारों-हजार तत्व मौजूद है।
the pitra paksha amaavasya should be declared as national holiday for our country to pay our respect and tribute to our ancestors who has contributed a lot and brought their blood line so far in time now. the working culture and the industry culture is keeping many people away from offering their pitraas in the traditional ways as defined in Vedas. I too work in a private company and because of less time paucity could do a little only on this day. to keep our tradition alive and to develop a sense of gratitude towards our ancestors on a proper manner we should be given a holiday on this day.
ध्यान से पढ़िए एक-एक शब्द को बहुत ध्यान से लिखा है हमने। प्रश्न यह है कि ऐसा कौनसा शब्द है जो वस्तुत: प्रकृति व शक्ति के लिएअसामान्य स्थिति में प्रायोगिक था किन्तु किसी एक व्यक्ति के द्वारा उत्पन्न किये भ्रम, विषाद, विरोधावास और विकृति के कारण आज मौलिक स्वरुप से छिन्न हो चुका है।
स्वयं इस्लाम को मानने वाले विशेषज्ञों ने ही हमें बताया है ईसा मसीह भी उनके पैगम्बर में से एक थे। उनकी किताबों में इनका वर्णन मिलता है। भविष्य पुराण में भी है और अब तो अनुसन्धान करके साक्ष्य भी उपलब्ध हो गए हैं कि ईसा मसीह भारत आए थे।
ईश्वर की संज्ञा अपनी भाषा हीब्रू में वे किस शब्द से करते थे? अब पुनः प्रयास कीजिए।
हिन्दू/आर्य/सनातन धर्म ही शाश्वत है।
अधिक जानकारी हेतु चलचित्र देखें।
संलग्न में लगी PDF में भी पढ़ें।
धर्म ही सर्वोपरि है। धर्म नहीं तो राष्ट्र, माँ, पिताः, इत्यादि सभी लोप हो जायेंगे।
धर्म की जय हो। अधर्म का नाश हो।
All items are made with chemicals including foods. For agriculture we should not use chemicals.
🙏 Namaskarams,
Support System for preservation and documentation is to be strengthened more aggressive ways.
🇮🇳 JAIHIND 🇮🇳
तुलसी, बड़ और पीपल के पेड़ हमारे समाज में आदर का भाव रखते है। इन वृक्षों की पूजा की जाती है और इनका घर के आस पास होना शुभ व अच्छा माना जाता है। इन वृक्षों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए इन्हें हिंदू देवी देवताओं से जोड़ा गया। वास्तव में यह वृक्ष मानव सेवा के लिए बने है इन वृक्षों की पत्तियां, छाल और लकड़ी मानव सभ्यता के उत्थान में मदद करती है। मानव शरीर से बीमारियां खत्म करने के लिए इनका उपयोग किया जाता है यह सभी वृक्ष हिंदू समाज में पूजनीय है
we should save our family system. government should promote this system. government's welfare schemes destroying this system cause everyone looking for welfare and he showing himself/herself as a poor people to avail government's schemes. we can be confident if we trust in our clothing sense Indian clothing, we will be confident if we believe in our local language. so we should change dressing senses in offices, in bureaucracy in Indian cinema.
traditional herbal practices after scientific validation can be documented in Indian pharmacopeia
सबका साथ सबका बिकास लेकिन दुर्भाग्यवश राज्यको मंत्री मालामाल लेकिन छापामारी का पेैसा गरिब मजदुरों परिवारों चाय बागानों मजदुरों परिवारों को घर बनाने में खर्च किया जाय