आयुष
7वां आयुर्वेद दिवस समारोह (23 अक्टूबर 2022)
आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016 से धनवंतरी जयंती (धनतेरस) पर प्रत्येक वर्ष आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है। आयुर्वेद को आधुनिक समय में समान रूप से प्रासंगिक चिकित्सा की सबसे प्राचीन अच्छी तरह से प्रलेखित प्रणाली के रूप में माना जाता है, जहां रोग की रोकथाम और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए दोनों पर उचित विचार किया जाता है। स्वस्थ व्यक्तियों के लिए या रोगग्रस्तों के लिए इसका समग्र दृष्टिकोण अद्वितीय है। आयुर्वेद दिवस 2022 23 अक्टूबर 2022 को मनाया जा रहा है।
आयुर्वेद दिवस समारोह 2047 @ आयुर्वेद पर नजर रखते हुए आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष के आयुर्वेद दिवस की थीम :
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करने के लिए आयुष आधारित समाधानों का इस्तेमाल
आयुष सिस्टम (जैसे आयुर्वेद, योग, नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी) द्वारा समर्थित स्वास्थ्य देखभाल पद्धतियों को सामान्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। असल में, वे मन और शरीर दोनों पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इन्हे व्यवहार में लाने का उद्देश्य लक्षणों और बीमारियों से परे जाकर किसी व्यक्ति की समग्र ताकत को बढ़ाना है और कमजोरी पर काम करना है। आमतौर पर वे दुष्प्रभावों से मुक्त होते हैं, और उनके फायदे लंबे समय तक चलने वाले होते हैं।
कोविड -19 हेल्थ केयर सिस्टम यानी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के सामने नई चुनौतियां लेकर आया है। बीमारी का कोई निश्चित इलाज नहीं होने के कारण, पूरी दुनिया में स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियाँ अपनी पूरी सीमा पर काम कर रही हैं। महामारी से बचने का सबसे पक्का और सुरक्षित तरीका है कि बीमार पड़ने से बचाव परिणामस्वरूप, किसी व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता कोविड -19 की रोकथाम और उपचार का प्रमुख कारक बन गई है।
मानव शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाने में आयुष प्रणालियों की ताकत सब जानते हैं । वे आसानी से उपलब्ध जड़ी-बूटियों, मसालों आदि का इस्तेमाल करके इसके लिए समाधान प्रदान करते हैं, जिनमें से कई का हमारे रोज के खाना पकाने में भी व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। यह तथ्य कि आयुष दवाओं और उपचारों के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं हैं, यह भी उनके व्यापक रूप से इस्तेमाल होने का एक प्रमुख कारण है।
हम में से कई लोगों के लिए, हमारी बचपन की यादों में फ्लू या वायरल इंफेक्शन जैसी बीमारियों से बचने के लिए काढ़े या दवाओं का सेवन शामिल है। मौजूदा महामारी के दौरान भी, आयुष दवाओं और उपचारों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया है, ख़ासकर बीमारी की रोकथाम के लिए। सार्वजनिक डोमेन में कोविड-19 से बचाव और रिकवरी दोनों में मदद करने वाले आयुष आधारित समाधानों के बारे में डॉक्यूमेंटेड और अनडॉक्यूमेंटेड रिपोर्टें तेजी से देखी जा रही हैं। ऐसे समाधानों के बारे में सही जानकारी देश भर के लोगों को आसान फ़ॉर्मेट में उपलब्ध कराई जानी चाहिए, ताकि वे उन्हें अपने दैनिक जीवन में आसानी से अपना सकें।
संकल्प
आइए, आयुष संजीवनी संकल्प लेते हैं और आयुष निवारक स्वास्थ्य पद्धतियों को अपनाते हैं